ब्लॉगकट्टा

Netbhet.com

शुक्रवार, २५ एप्रिल, २०१४

साभार नमन

सलाम
सलामत है सिर हर एक इस वक्त
झुक रहां है शानमें आपकी इस वक्त

खडे जो सीना ताने सीमा संभाले
तो धडकन है सिनेमे हामारे इस वक्त

है कुर्बान जान इश्क ए वतन जवानों
तभी जान में जान है इधर इस वक्त

दुश्मन की नजर काटते नजर जो
तो नजर नजर चमकती हमारी इस वक्त

खिदमते पेश बस इतनीही हुजूर
हुक्म जो भी सर-आँखों पे इस वक्त

है हाजीर हम भी जान को जान देंगे
सरफरोशी की तमन्ना हमे भी इस वक्त

गर काम कुछ आसके आपकी खातीर
दिवानगी निभाना चाहते हम इस वक्त

करते है सलाम ए बहाद्दूर जवानों
शुक्रगुजार अवाम सारी यहाँ इस वक्त
.......मंगेश मालती-मधुकर मेढी., MANGESH M MEDHI.

      साभार नमन
शुभ आशीष हर शिष जो इस वक्त
वो लीन सम्मुख तव इस वक्त

ढाल छाती तत्पर हो सीमा संभाले
तो निरंतर हृदय स्पंदन यहाँ इस वक्त

समर्पित प्राण तुम्हरे देशप्रेमी जवानों
तभी प्राण तन मे हर एक इस वक्त

भेदती शत्रू नजर, नजर वो आपकी
तो नजर नजर चमकती हमारी इस वक्त

है सादर बस यही सेवा में राजे
स्वीकार आदेश जो भी इस वक्त

साभार नमन ओ बहाद्दूर जवानों
नमीत देश सारा है यहाँ इस वक्त
.......मंगेश मालती-मधुकर मेढी.

कोणत्याही टिप्पण्‍या नाहीत:

टिप्पणी पोस्ट करा